सिरमौर। हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनाव सिर पर हैं। इस बीच प्रदेश के अलग-अलग इलाकों से वोटर लिस्ट में गड़बड़ी होने की ढेरों ख़बरें सामने आ रही हैं, लेकिन अब एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे जानकार आप चकित हो जाएंगे। मामला सिरमौर जिले के नाहन क्षेत्र में पड़ने वाली कांटी मशवा पंचायत से जुड़ा है। यहां अपनी पंचायत में ज्यूरी की सर्वसम्मति के बावजूद काहन सिंह प्रधान नहीं बन पाएंगे। दरअसल, निर्विरोध पंचायत प्रधान बने काहन सिंह का नाम वोटर लिस्ट में ही नहीं है।
बीते दिन पंचायत की ज्यूरी ने काहन सिंह को सर्वसम्मति से प्रधान चुना था। इसके बाद वोटर लिस्ट चेक करने पर इस बात का पता चला कि उनका नाम मतदाता सूची में नहीं है। हालांकि ज्यूरी का फैसला अभी भी बरकरार है। ज्यूरी का कहना है कि काहन सिंह के खिलाफ कोई भी नामांकन नहीं करेगा। विकास खंड पांवटा साहिब की कांटी मशवा पंचायत में बीते वर्ष भी निर्विरोध ही पंचायत बनी थी। इस वर्ष भी पंचायत को निर्विरोध चुनने का फैसला हुआ था और ज्यूरी ने इस बार काहन सिंह के नाम सर्वसम्मति बनाई थी।
पंचायत का उपप्रधान भी सर्वसम्मति से चुना गया, लेकिन काहन सिंह का नाम मतदाता सूची से गायब मिला है। उनका कहना है कि उन्होंने 2010 में पंचायत में अपने मत का प्रयोग किया था। 2015 में उनकी पंचायत निर्विरोध चुनी गई। ऐसे में वोटर लिस्ट जांचने का मौका भी नहीं मिला। इस बार ज्यूरी ने प्रधान पद के लिए उनके नाम पर सर्वसम्मति बनाई है। उनका नाम मतदाता सूची में नहीं है। वह जिला निर्वाचन अधिकारी व संबंधित एसडीएम से मिल चुके हैं। प्रशासन के समक्ष ज्यूरी और उन्होंने पक्ष रखा है। उम्मीद है कि जल्द कोई समाधान निकलेगा।
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