शिमला डेस्क: मध्य प्रदेश में सवर्ण आयोग के गठन करने की घोषणा के बाद से ही हिमाचल में भी सवर्णों के लिए विशेष आयोग के गठन की मांग तेज हो गई है।
दरअसल, गणतंत्र दिवस के अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रीवा जिला में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि ऐसे सवर्ण जो समाज के मुख्य धारा से पिछड़ गए हैं, उन्हें समानता का अवसर प्रदान करने के लिए जल्द ही सवर्ण आयोग का गठन किया जाएगा।
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शिवराज सिंह के इस बयान का मध्य प्रदेश समेत पूरे भारत के सवर्णों ने स्वागत किया है। इसी कड़ी में सिरमौर देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रदेश प्रवक्ता प्रताप सिंह रावत ने बयान जारी कर कहा कि मध्य प्रदेश में सवर्ण आबादी 22% और हिमाचल में 70% सवर्ण जनसंख्या है। शिवराज सिंह स्वयं अतिपिछड़ा समाज से आते हैं बावजूद उन्होंने सवर्णों के उत्थान के लिए बड़ा दिल दिखाया है।
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उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भेंट कर हमने उनसे निवेदन किया है कि हिमाचल सरकार को भी यथाशीघ्र सवर्ण आयोग गठन करने की घोषणा करनी चाहिए। विभिन्न जाति के लिए विशेष आयोग का गठन किया गया है।
हिमाचल में सवर्णों की बड़ी आबादी है और पिछड़ापन भी बड़ी संख्या में है, पिछड़े लोगों को समाज के मुख्य धारा में लाने के लिए सवर्ण आयोग का गठन सरकार की प्राथमिकता में होनी चाहिए।
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प्रताप सिंह रावत ने कहा कि यदि 90 दिनों के भीतर सवर्ण आयोग गठन करने की घोषणा नहीं की जाती है तो सवर्ण समाज के लोग अपने अधिकार के लिए धरना प्रदर्शन करेंगे। जरूरत पड़ने पर सचिवालय का भी घेराव करेंगे। इसलिए 2022 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को शीघ्र ही स्वर्ण आयोग गठन करने की घोषणा कर देनी चाहिए।
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