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अनिश्चित काल धरने के तीसरे दिन केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला इकाई द्वारा आज सोशल मीडिया पर पोस्टर अभियान चलाया गया। बता दें कि हिमाचल प्रदेश को 2009 में केंद्रीय विशवविद्यालय की सौगात प्राप्त हुई थी लेकिन 11 सालों से प्रशासन केंद्रीय विश्वविद्यालय के नाम पर राजनैतिक रोटियां सेकने में लगा हुआ है। आज तक यूनिवर्सिटी के स्थाई परिसर का निर्माण नहीं हो पाया है।
विश्वविद्यालय इतने सालों से 3 अलग-अलग परिसरों में बंटा हुआ है। वहीं, इन परिसरों में कोई भी मूलभूत सुविधा विद्यार्थियों को प्रदान नहीं करवाई गई हैं। देहरा कैंपस में हॉस्टल कि सुविधा उपलब्ध नहीं है, मीडिया डिपार्टमेंट के लिए लैब ओर कैमरे भी नहीं है, विश्वविद्यलय के 2000से ज्यादा छात्रों तथा शोधार्थियों के लिए लाइब्रेरी में मात्र 50 छात्रों के लिए बैठने कि व्यवस्था है।
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वहीं, जब विद्यार्थी परिषद् छात्रों मांगों को पूरा करवाने के लिए आंदोलन करता है तो विश्वविद्यलय के रजिस्ट्रार यूनिवर्सिटी को 2 मार्च तक बन्द करने का तुगलकी फरमान जारी कर देते हैं, जिसकी वजह छात्र अशांति बताई जाती है। जब विद्यार्थी परिषद आंदोलन करता है तो उन पर झूठे केस लगा के डराने का प्रयास किया जाता है।लेकिन विद्यार्थी परिषद केंद्रीय विश्वविद्यालय इकाई के सचिव रोहित धीमान का कहना है कि अभाविप इस तरह के झूठे केसों से नहीं डरेगा तथा लगातार अपने संघर्ष को जारी रखेगा। इस धरने में आज केंद्रीय विश्वविद्यालय के इकाई अध्यक्ष वैभव खरवाल, इकाई सचिव रोहित धीमान, श्वेता , सोनाली , निशांत ,पंकज , तनुजा , जतिन एवं अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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