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बतौर रिपोर्ट्स, कांग्रेस निलंबन पर कानूनी विकल्प खोज रही है। इस सब के बीच निलंबन और एफआईआर के बाद सियासी तूफान खड़ा हो गया है। सत्ता पक्ष और विपक्ष में रार बढ़ गई है। एक ओर विपक्ष सरकार को घेरने के लिए रणनीति बनाने में जुट गया है तो वहीं दूसरी ओर जयराम सरकार भी फिलहाल बख्शने के मूड में नजर नहीं आ रही है। निलंबित कांग्रेसी विधायक सतपाल रायजादा ने कहा कि जनहित्त के मुद्दों पर अगर निलंबन सहना पड़े या जेल जाना पड़े, इसके लिए हमेशा तैयार हैं। उन्होंने कहा कि पूरे देश और जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार है, उनके गलत फैसलों पर सवाल उठाने वालों को भाजपा देशद्रोही करार देती है, ये लोकतंत्र की हत्या है।
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विधायक हर्षवर्धन ने सरकार से सवाल पूछा कि क्या उन्हें राज्यपाल और सीएम से सवाल पूछने का अधिकार नहीं है। क्या विपक्षी नेता उग्रवादी हैं या आतंकवादी हैं? उन्होंने कहा कि हंगामे के दौरान विधानसभा स्पीकर से कहा था कि हमारी बात सुने लेकिन स्पीकर ने कोई बात नहीं सुनी। हर्षवर्धन ने आरोप लगाया कि सरकार तानाशाहीपूर्ण तरीके से कार्य कर रही है, जिसे बर्दाशत नहीं किया जाएगा। जनता से जुड़े मुद्दों को सदन के अंदर और बाहर उठाया जाएगा।
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