सरकार के हाथ खड़े: अनुराग एक दिन के तूफानी दौरे से बनाएंगे बीजेपी की हवा

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सरकार के हाथ खड़े: अनुराग एक दिन के तूफानी दौरे से बनाएंगे बीजेपी की हवा

कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश से सांसद और केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर तीन अप्रैल की सुबह एक दिवसीय दौरे पर कांगड़ा पहुंच रहे हैं। यह तूफानी दौरा सुबह धर्मशाला से शुरू होगा और पालमपुर में दोपहर बाद खत्म होगा। इस दौरान हो सकता है कि अनुराग के रोड शो का भी आयोजन हो। 

दरअसल, पहले अनुराग का दौरा सिर्फ धर्मशाला तक ही सीमित था। लेकिन जब इसकी भनक पालमपुर तक पहुंची तो वहां से भी ठाकुर को बुलाने की मांग जोरों पर हो गई। 

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जिसके बाद यह तय हुआ कि ठाकुर को पालमपुर में भी पहुंचाया जाए। अब एक दिन में इन दोनों नगर निगमों में अनुराग जनता से मिलने जाएंगे। केंद्रीय राज्य वित्त मंत्री की मांग उठना और उनका हिमाचल आना यह सवाल उठा रहा है कि क्या हिमाचल सरकार के हाथ नगर निगमों की जंग में खड़े हो गए हैं ? क्या नगर निगमों में जिन बीजेपी नेताओं और मंत्रियों-विधायकों की डयूटी लगी हैं,वह जंग को मजबूती से नहीं लड़ पा रहे हैं ? 

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सियासी माहिर यह मान रहे हैं कि कोई न कोई मजबूरी तो हर हाल में सरकार के सामने खड़ी हुई है जो क्राउड पुलर यूथ आइकॉन को बुलाना पड़ रहा है। मौजूदा हालात-ए-हाजरा का ज़िक्र करते हुए माहिर कहते हैं कि जिस तरह की खबरें भाजपाई जमीन से निकल कर बाहर आ रहीं हैं, उनसे पार्टी का ठाकुर को बुलाना मजबूरी है। 

दरअसल, पालमपुर में संगठन के एक नेता विशेष की कार्यशैली की वजह से बगावत का बीज पड़ा है, जबकि धर्मशाला में सरकारी स्तर पर तालमेल न बैठने को वजह से घालमेल हुआ पड़ा हुआ है। बीजेपी की स्थिति इन दोनों नगर निगमों में कमजोर होती जा रही है।

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बागियों का कुनबा शुरुआती दौर से ही तीखे तेवर बनाए हुए है। सियासत पर महीन नजर रखने वाले लोगों का कहना है कि यह हालात सरकार-संगठन के नेताओं की वजह से बने हैं। इनमें से ज्यादातर नेता खुद को नेता कम और थानेदार ज्यादा मानते हैं। आरोप लग रहे हैं कि इन्हीं चन्द एक नेताओं की वजह से बगावत की चिंगारी सुलगी और अब अलाव की तरह भड़क चुकी है। 

अब ठाकुर का धर्मशाला और पालमपुर में आना यह इंगित कर रहा है कि सरकार के हाथ बागियों और संगठन-सरकार के नेताओं की हरकतों की वजह से खड़े हो चुके हैं। नहीं तो यही वही अनुराग हैं जिनके आने से सरकार की भवें तन जाती थीं। 

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यह भी साबित हो रहा है कि बीजेपी दोहरी मुसीबत में फंस गई है। एक तरफ बागी हैं,दूसरी तरफ पार्टी चुनाव चिन्ह पर चुनाव करवाना गले की फांस बनता जा रहा है। देखना यह भी दिलचस्प होगा कि क्या अनुराग का तूफानी दौरा बीजेपी की बिगड़ी हुई हवाओं के बहाव पर कोई मदद कर पाएगा ???

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