वाह हिमाचल कांग्रेस! सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों को रिलीज किया-बेड हुए खाली, तब दे रही तोहफा

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वाह हिमाचल कांग्रेस! सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों को रिलीज किया-बेड हुए खाली, तब दे रही तोहफा


शिमला। कोरोना वायरस महामारी का दौर अभी गया नहीं है लेकिन फिर भी इस दुनिया के लोगों ने ऐसे ऐसे दिन जरूर देख लिए हैं, जिनकी उन्होंने सपने तक में परिकल्पना नहीं की होगी। देवभूमि हिमाचल प्रदेश पर भी यह महामारी काल बनकर बरसी। इस दौरान प्रदेश की जयराम सरकार ने सूबे के आम जनमानस को लगभर हर प्रकार की सुविधाएं मुहैया कराने का प्रयास किया, जिसमें वो काफी हद तक कामयाब भी रही। 

मुख्यालय में ही 200 बिस्तरों की होगी क्षमता वाला आइसोलेशन वार्ड बना रही कांग्रेस 

वहीं, प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस और उसके नेताओं द्वारा भी जनता की काफी मदद की गई। लेकिन अब जब एक बार फिर से सूबे में कोरोना का ग्राफ नीचे की तरफ लुढ़कने लगा है, तो हिमाचल कांग्रेस ने प्रदेश के राज्यपाल के सामने एक ऐसा प्रस्ताव रख दिया है, जिसके बारे में बातें होनी शुरू हो गई हैं। 

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दरअसल, पार्टी ने प्रदेश कांग्रेस के मुख्यालय के दो मीटिंग हॉल को आइसोलेशन वार्ड बनाने का फैसला लिया है। पार्टी ने दो मीटिंग हॉल को आइसोलेशन वार्ड के तौर पर उपयोग करने का प्रस्ताव राज्यपाल को दिया है। कांग्रेस की तरफ से कहा गया है कि इन दोनों हॉल में करीब 200 बेड लग सकते हैं। अगर सरकार उनके इस प्रस्ताव को स्वीकार करती है तो कांग्रेस यहां आइसोलेट कोरोना मरीजों को निशुल्क पौष्टिक खाने की व्यवस्था भी करेगी। 

कम हुआ कोरोना तो खाली होने लगे बेड, अस्पतालों का लोड हुए कम 

अब कांग्रेस की तरफ से आए इस प्रस्ताव को क्या माना जाए कुछ समझ नहीं आ रहा है। दरअसल, एक तरफ जहां सूबे में कोरोना संक्रमण के मामले कम होने के कारण स्पतालों का लोड कम हुआ है। वहीं, सूबे के कोविड वार्डों के बेड भी खाली होने लगे हैं। इसी बात को मद्देनजर रखते हुए बीते कल सूबे की जयराम सरकार ने कोविड मरीजों के लिए इस्तेमाल में लाए जा रहे प्राइवेट अस्पतालों को रिलीज करने का फैसला लिया है। 

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अब से इन अस्पतालों में सरकार और प्रशासन की ओर से कोरोना मरीज नहीं भेजे जाएंगे। हालांकि जो कोरोना मरीज प्राइवेट अस्पतालों में पहले से ही भर्ती हैं उनका इलाज प्राइवेट अस्पतालों में ही होगा। इसके अलावा यदि कोई कोरोना मरीज प्राइवेट अस्पतालों में अपना इलाज करवाना चाहता है तो वो अपने खर्च पर प्राइवेट में इलाज करवा सकता है, लेकिन फिलहाल अब प्रशासन की ओर से कोई भी मरीज प्राइवेट के लिए सरकारी खर्चे पर रैफर नहीं किया जाएगा। 

जब पड़ा था बेड का अकाल-तब कहां रह गया था ये भौकाल 

अब ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल कचोट रहा है कि जब सूबे में बिस्तरों का अकाल पड़ा हुआ था और प्रदेश सरकार को अतिरिक्त बड़ों का इंतजाम करने के लिए हाथ पांव मरने पड़ रहे थे। तब उस वक्त सूबे के प्रमुख विपक्षी दल को यह नेक ख्याल क्यों नहीं आया। 

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उस वक्त जब प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ जाने के कारण अव्यवस्था का माहौल बन गया था, तब कांग्रेस पार्टी मदद का हाथ आगे बढाते हुए सरकार के पास क्यों नहीं पहुंची। अब कांग्रेस द्वारा अपने पार्टी मुख्यालय में ही 200 बिस्तरों की होगी क्षमता वाला आइसोलेशन वार्ड तैयार करने का प्रस्ताव देने को मसले को राजनीतिक स्टंटबाजी ना करार दिया जाए तो फिर क्या कहा जाए। 

बाकी मदद के लिए ह्रदय के असीमित तल से आभार 

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