मंडी में खेला: राजघराने और कांग्रेस के दिग्गजों की दावेदारी के बीच निगम भंडारी ने मांगा टिकट

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मंडी में खेला: राजघराने और कांग्रेस के दिग्गजों की दावेदारी के बीच निगम भंडारी ने मांगा टिकट


मंडी।
केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा हिमाचल प्रदेश की चार सीटों पर उपचुनाव कराने का ऐलान कर दिया गया है और उपचुनाव की तारीखों की घोषणा भी की जा चुकी है। इस सब के बीच सूबे के राजनीतिक दल प्रत्याशियों के नाम पर मंथन करने में जुटे हुए हैं। 

सूबे में होने वाले इन उपचुनावों में सबसे हॉट सीट के तौर पर मंडी लोकसभा क्षेत्र को देखा जा रहा है। दरअसल इस सीट से टिकट पाने के लिए दोनों ही पार्टियों के कई सारे दावेदार अपना नाम आगे कर चुके हैं। 

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मंडी से टिकट के लिए सबसे बड़ी जंग कांग्रेस के नेताओं के बीच ठनी हुई है। एक तरफ जहां विक्रमादित्य सिंह और वीरभद्र सिंह गुट की पूरी लॉबी प्रतिभा सिहं को मंडी सीट से कांग्रेस उम्मीदवार बनाना चाहती है। वही, दूसरी तरफ पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री पंडित सुखराम अपने पोते आश्रय शर्मा को टिकट दिलाने की पुरजोर कोशिश करने में जुटे हुए हैं। 

सह प्रभारी के सामने चुनाव लड़ने के लिए अपनी दावेदारी पेश करेंगे

इस सब के बीच हिमाचल कांग्रेस का एक बेहद ही युवा चेहरा और सुक्खू गुट का दमदार सिपाही खुद आगे चल कर आया है और राज घराने समेत कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की दावेदारी से इतर अपने लिए मंडी सीट से टिकट मांगा है। 

ये नेता कोई और नहीं बलकि युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नेगी निगम भंडारी हैं। आज गुरुवार को कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए भंडारी ने कहा कि दो अक्टूबर को प्रदेश कांग्रेस के सह प्रभारी संजय दत्त ने बैठक बुलाई है। 

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बैठक में मंडी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए अपनी दावेदारी पेश करेंगे। बता दें कि नेगी निगम भंडारी मंडी संसदीय क्षेत्र के तहत आते किन्नौर जिले से ताल्लुक रखते हैं। 

ऐसे में उनके इस दावे पर पार्टी सोच समझ कर ही फैसला लेगी। गौरतलब है कि बीते साल युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के पद के लिए सुखु गुट के निगम भंडारी ने वीरभद्र गुट के यदोपति ठाकुर को कड़ी टक्कर देते हुए हराया था। 

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उसी समय से कहीं ना कहीं निगम भंडारी और वीरभद्र गुट के नेताओं के बीच गहमागहमी का महोल रहता है। ऐसे में अब भंडारी द्वारा राजघराने और अन्य नेताओं की खिलाफत में होकर टिकट के लिए दावेदारी करना कहीं ना कहीं हिमाचल कांग्रेस की भीतर चल रही अंतरकलह को दर्शाता है। 

अब देखना यह होगा कि कांग्रेस पार्टी का आलाकमान, राजघराने और सूबे के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के बीच किसे अधिक तहरीज देता है।

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