एक्सीडेंटल CM जयराम के नाम पर पहला चुनाव: पूरा कर पाएंगे टास्क या महंगाई डायन खाएगी

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एक्सीडेंटल CM जयराम के नाम पर पहला चुनाव: पूरा कर पाएंगे टास्क या महंगाई डायन खाएगी

शिमला डेस्क: हिमाचल प्रदेश में उपचुनाव को लेकर आज मतदान पूरा हो गया है। सभी चार सीटों पर शांतिपूर्ण तरीके से मतदान संपन्न हुआ। अब आगामी दो नवंबर को सभी उम्मीदवारों के साथ-साथ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के भी भविष्य का फैसला होगा।

एक्सीडेंटल सीएम जयराम!

दरअसल, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नाम और उनके चार साल के कार्यकाल में हुए विकास के काम पर भाजपा वोट मांग रही थी। केंद्र से भी कोई बहुत विशेष सहयोग नहीं मिला। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी चुनाव प्रचार में नहीं आए। 

शाम पांच बजे तक मतदान:

  1. मंडी में 48.85 %, 
  2. फतेहपुर में 64%, 
  3. अर्की में 62%, 
  4. जुब्बल में 73% मतदान रिकॉर्ड की गई।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नाम पर पहली बार प्रदेश में कोई चुनाव लड़ा गया है। वर्ष 2017 का चुनाव भाजपा ने प्रेम कुमार धूमल के नाम पर लड़ा था। लेकिन परिस्थितियां ऐसी बनीं कि मुख्यमंत्री पद का शपथ जयराम ठाकुर ने लिया। जिस कारण उन्हें एक्सीडेंटल सीएम भी विपक्षी और दबी जबान में भाजपा के अन्य नेता भी कहते हैं।

CM जयराम को मिला था टास्क:

सूत्र यह भी बताते हैं कि पिछले दिनों जब जयराम ठाकुर की भाजपा आलाकमान के साथ बैठक भी हुई थी। जिसमें उनके सरकार का रिपोर्ट कार्ड मांगा गया था। सीएम बदलने की भी बात चली थी लेकिन जयराम का आलाकमान से सीधा कहना था कि उन्होंने काम किया है और काम के बदले उन्हें वोट मिलेंगे। 

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पिछले दिनों भाजपा ने उत्तराखंड और गुजरात के मुख्यमंत्री बदले। जनता ने बीच उनको लेकर घोर निराशा थी। सूत्र बताते हैं कि जयराम ठाकुर को आलाकमान से अपने दम पर उपचुनाव जीत कर आने का टास्क दिया गया था। जिस कारण ही अनुराग ठाकुर के अलावा कोई और बड़ा चेहरा चुनाव प्रचार में नहीं दिखा।

किसकी मनेगी दीवाली!

हिमाचल प्रदेश सरकार ने कोविड के दिनों में भी काफी सराहनीय कार्य किया। लोगों तक मदद पहुंची। देश के अन्य राज्यों के तुलना में स्थिति अच्छी थी। वैक्सीनेशन कार्यक्रम में भी हिमाचल प्रदेश टॉप पर रहा।

हालांकि, महंगाई एक मात्र ऐसा मुद्दा विपक्ष के पास था। इस एक मुद्दे के सहारे ही कांग्रेस हिमाचल में भाजपा को घेर रही थी। अब परिणाम क्या आता है यह देखना दिलचस्प होगा, जनता जयराम ठाकुर के कार्यों के साथ जाती है या आम जन महंगाई से त्रस्त होकर बदलाव का विचार करते हैं। यदि जनता बदलाव की ओर जाती है तो क्या भाजपा आलाकमान भी विचार करती है या नहीं...

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