नई दिल्ली : हिमाचल प्रदेश के मंडी लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में विजयी हुए प्रतिभा सिंह ने आज संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पद एवं गोपनीयता की शपथ ग्रहण की। उन्होंने यह शपथ अंग्रेजी में ली। साथ ही इस दौरान हिमाचल कांग्रेस का पूरी शीर्ष कुनबा मौजूद रहा।
पूरा कुनबा रहा मौजूद:
बता दें की शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए उनके पुत्र विक्रमादित्य सिंह, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, वरिष्ठ नेत्री आशा कुमारी, विधायक भवानी पठानिया समेत कई अन्य विधायक और पूर्व विधायक मौजूद रहे।
मंडी सीट से जीत के बाद कांग्रेस पार्टी नई जोश से लबरेज है। साथ ही बताते चलें कि सांसद प्रतिभा सिंह 1998 में सक्रिय राजनीति में आई थीं। पहला चुनाव मंडी संसदीय क्षेत्र से लड़ा था। भाजपा के महेश्वर सिंह ने उन्हें करीब सवा लाख मतों से हराया था।
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महेश्वर सिंह उनके समधी हैं। साल 1998 में केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी थी। सरकार 13 माह ही चल पाई थी। 1999 में लोकसभा का दोबारा चुनाव हुआ था। प्रतिभा सिंह ने यह चुनाव नहीं लड़ा था।
समधी से हार का बदला:
2004 के आम लोकसभा चुनाव में उन्होंने दूसरी बार अपनी किस्मत आजमाई थी। समधी महेश्वर सिंह से 1998 की हार का बदला लेकर वह पहली बार लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुईं।
वर्ष 2009 का लोकसभा चुनाव उनके पति पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने लड़ा था। साल 2012 में प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद वीरभद्र सिंह ने लोकसभा से त्यागपत्र दे दिया था।
वर्ष 2013 में उपचुनाव हुआ तो प्रतिभा तीसरी बार मैदान में उतरीं। वर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को करीब 1।39 लाख मतों से शिकस्त देकर दूसरी बार संसद सदस्य निर्वाचित हुई थीं।
मंडी रहा है परंपरागत सीट:
साल भर बाद वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव हुआ था। मोदी लहर में भाजपा के रामस्वरूप शर्मा ने उन्हें 39 हजार से अधिक मतों से पराजित किया था। प्रदेश में उस समय कांग्रेस सरकार थी।
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वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने मंडी सीट से आश्रय शर्मा को टिकट दिया था। आश्रय को रामेश्वर शर्मा ने चार लाख वोटों की अंतर से जबरदस्त पटखनी दी थी।
रामेश्वर शर्मा के निधन से ये सीट फिर खाली हुई और इस बार करीब सात साल बाद प्रतिभा सिंह दोबारा चुनावी अखाड़े में उतरी थीं और दो नवंबर को घोषित उपचुनाव नतीजों में जीत दर्ज की।
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