बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश के युवाओं के बीच नशे का जाल किस कदर फ़ैल गया है, इस बात का अंदाजा आप इस मां के बयान से लगा सकते हैं। जो उसने खुद आधी रात के वक्त एसपी के पास फोन कर दिया।
सूबे की बिलासपुर पुलिस की ओर से पंचायती राज संस्थाओं से जुडे जन प्रतिनिधियों, नगर परिषद पार्षदों, महिला मंडल एवं व्यापार मंडल के प्रतिनिधियों के लिए आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में एसपी एसआर राणा ने अपनी जुबानी यह कहानी सुनाई।
खुद देती हूं नशा, ताकि वो आंख के सामने रहे
उन्होंने कहा कि एक एक दिन आधी रात को उन्हें एक मां का फोन आया। रात के वक्त महिला ने फोन पर एसपी से कहा कि साहब, मैं अपने बेटे को जिंदा रखने के लिए उसे खुद नशा खरीदकर देती हूं, ताकि वो मेरी आंखों के सामने रहे, लेकिन किसी और मां को यह समय नहीं देखना पड़े इसके लिए नशे का कारोबार करने वाले लोगों पर कार्रवाई करो और जिले के बच्चों को बर्बाद होने से बचा लो।
मां हूं न, उसे जिंदा देखना चाहती हूं
महिला ने एसपी एसआर राणा से आगे कहा कि मैं गरीब परिवार से हूं, बेटे को नशे की ऐसी लत लगी कि आज वो बिस्तर पर है। कई माह से बिस्तर से उठा तक नहीं है, लेकिन मां हूं न, उसे जिंदा देखना चाहती हूं।
मजबूरी ऐसी है कि उसे जिंदा रखने के लिए मैं खुद नशा खरीदकर लाती हूं और उसे देती हूं। मैं नहीं चाहती हूं कि किसी और मां को भी ऐसी बदनसीबी का सामना करना पड़े।
महिला की बात सुन उड़ गई एसपी की नींद
इसके साथ ही मां ने एसपी को यह भी बताया कि उनके इलाके और जिले में नशा माफिया बहुत सक्रिय हो गया है। आप ही हमारे बच्चों को इनसे बचा सकते हैं। एसपी द्वारा बताया गया कि उस लड़की की मां द्वारा कही गई ये बातें सुनने के बाद उनकी नींद उड़ गई।
उन्होंने कहा की महिला के दर्द को वह महसूस कर रहे हैं। नशे के कारोबार को खत्म करना उनकी प्राथमिकता है। इसके लिए समाज का सहयोग भी जरूरी है।
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