मंडी। साल 2019 के चुनाव में मंडी लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे और हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव आश्रय शर्मा का एक बड़ा बयान सामने आया है। पत्रकारों से बातचीत के दौरान आश्रय शर्मा ने आगामी विधानसभा चुनाव में मैदान में नहीं उतरने का ऐलान करते हुए कहा है कि मेरी चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं है।
इसके साथ ही उन्होंने अपनी तरफ से इस बात का स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि संगठन की तरफ से उन्हें जो दायित्व सौंपा गया है, मैं उसका ही निर्वहन करूंगा। उन्होंने आगे कहा कि मैं राजनीति में जनसेवा करने की आकांक्षा के साथ उतरा हूं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी की तरफ से अगर 2019 की तरह चुनाव लड़ने का निर्देश दिया जाता है, तो उसका पालन किया जाएगा।
वीरभद्र परिवार से मतभेद पर कही ये बात
वहीं, प्रतिभा सिंह को हिमाचल कांग्रेस का नया चीफ बनाए जाने और वीरभद्र परिवार के साथ राजनीतिक मतभेद को लेकर किए गए सवाल का जवाब देते हुए आश्रय ने साफ़ किया कि स्व वीरभद्र सिंह परिवार के साथ मतभेद जरूर हो सकते हैं, लेकिन मनभेद कभी नहीं रहा। आश्रय की मानें तो बड़े परिवारों में ऐसी खिंचातान होती रहती है।
आश्रय ने इस मसले पर आगे कहा कि दूसरे दलों में भी ऐसी खींचतान है, लेकिन उनकी बंद कमरों में रहती है और हमारी थोड़ी सार्वजनिक हो गई है। बता दें कि हिमाचल कांग्रेस में हाल ही में हुए संगठनात्मक बदलाव में पार्टी द्वारा आश्रय को मीडिया और सोशल मीडिया समन्वय समिति की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
कांग्रेस में जा सकते अनिल शर्मा!
वहीं, अब अगर आश्रय शर्मा द्वारा आज दिए गए इस बयान का निचोड़ निकाला जाए, तो कहीं ना कहीं यह समझा जा सकता है कि आश्रय शर्मा अपने पिता के चुनाव लड़ने के लिए रास्ता साफ़ कर रहे हैं। गौर रहे कि अनिल शर्मा मौजूदा वक्त में मंडी सदर सीट से बीजेपी के विधायक हैं, हालांकि उन्होंने अपनी पार्टी के खिलाफ बगावती रुख अपना रखा है।
ऐसे में जहां एक बात स्पष्ट मानी जाती है कि बीजेपी द्वारा इस बार अनिल शर्मा को टिकट नहीं दिया जाएगा। वहीं, अनुमान इस बात का भी है कि चुनाव के नजदीक आते ही अनिल शर्मा कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। जहां से उन्हें टिकट मिलने की स्थिति भी बन सकती है।
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