शिमला डेस्क: हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी सत्ता पक्ष ने तेज कर रखी है। जेपी नड्डा और अनुराग ठाकुर ताबड़तोड़ दौरे कर रहे हैं। वहीं, शिमला में पीएम मोदी के कार्यकाल के आठ वर्ष पूरे होने का राष्ट्रीय आयोजन भी होने जा रहा है।
जनता की मांग, अनुराग हों CM:
वहीं, इन सबके बीच एक मुद्दा चर्चा के बाजार में काफी अधिक गर्म है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर जहां भी जा रहे हैं मीडिया का एक ही सवाल होता है कि क्या हम भावी मुख्यमंत्री से बात कर रहे हैं?
अनुराग इन सवालों को सुन असहज भी नहीं होते दिखे। चंबा में भीड़ ने "हिमाचल का मुख्यमंत्री कैसा हो? अनुराग ठाकुर जैसा हो' जैसे नारे भी लगाए। अनुराग ने इन नारों पर कोई आपत्ति भी नहीं जताई।
आलाकमान के भरोसे अनुराग:
हालांकि, उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि अभी केंद्र में मेरे पास बड़ी जिम्मेदारी है और इस तरह से फैसले भाजपा में पार्लियामेंट्री बोर्ड लेता है। यह किसी एक के चाहने से नहीं होता है।
अनुराग ठाकुर ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की किसी भी रैली में ज्यादा तारीफें नहीं की। हालांकि, उन्होंने जिक्र जरूर किया कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में प्रदेश सरकार बढ़िया काम कर रही है।
सुराग छोड़ गए अनुराग:
गौर करने लायक बात यह भी है कि चंबा में अपने भाषण के दौरान अनुराग ने कहा कि आप बुलाएं या नहीं बुलाएं लेकिन ऐतिहासिक मिंजर मेले में मैं जरूर आऊंगा। भीड़ ने अनुराग जी का स्वागत है के नारे लगाए।
लेकिन इन नारों के बीच भविष्य की एक अहम सुराग अनुराग छोड़ गए। बता दें कि मिंजर मेले के मुख्य अतिथि हमेशा मुख्यमंत्री होते हैं। ऐसे में क्या इशारों इशारों में अनुराग ठाकुर बदलाव का संकेत दे गए?
परिवर्तन होता है या नहीं यह तो भविष्य के गर्भ में है। वर्तमान में तो केवल अटकलों से बाजार सजा हुआ है। वहीं, इन अटकलों के पीछे यह कारण दिया जा रहा है कि पार्टी ने जो सर्वे कराई है उसके अनुसार जयराम ठाकुर के नेतृत्व में मिशन रिपीट के पक्ष में रिजल्ट नहीं आए हैं।
BJP ने कराई ट्रिपल लेयर सर्वे:
सूत्र कहते हैं कि भाजपा ने तीन स्तर की सर्वे कराई है। पहला सर्वे पार्टी का, दूसरा स्वतंत्र एजेंसियों ने की है। वहीं, तीसरा और फाइनल सर्वे केंद्र सरकार के खुफिया विभागों की है।
सभी सर्वे ने भाजपा की नैया डूबते हुए दिखी है। ऐसे में भाजपा आलाकमान कोई भी बदलाव करने से पहले नेताओं के जनाधार को परखना चाहती है। यही कारण है कि नड्डा और अनुराग को हिमाचल की हर इलाके के दौरे पर भेजा गया है।
ताकि पार्टी यह समझ सके कि किस नेता के दौरे के बाद माहौल में क्या बदलाव होता है। किस नेता को जनता का अधिक सहयोग मिलता है। ताकि, जनता के रुझानों के अनुसार भाजपा आलाकमान निर्णय ले सके।
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