सिरमौरः हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले स्थित नाहन के तहत आते हरिपुरधार क्षेत्र के डसाकना गांव का रहने वाला देवांश राणा गंभीर बीमारी से ग्रसित होकर मात्र 9 साल की उम्र में इस दुनिया को छोड़ कर चला गया। परंतु जाते-जाते वह नेत्रदान कर किसी और को यह दुनिया दिखा गया।
बता दें कि चौथी कक्षा में पढ़ने वाले देवांश राणा किडनी इंफेक्शन के चलते पीजीआई चंडीगढ़ में उपचाराधीन था। इस बीच चंद रोज पहले बीमारी के कारण उसकी जान चली गई। इस दौरान देवांश के माता-पिता ने चिकित्सकों के समक्ष अपने बेटे के शरीर के हिस्सों को दान करने की पेशकश रखी।
नहीं हुआ अंगदान तो किया नेत्रदान
इंफेक्शन होने के चलते अंगदान तो नहीं हो पाया परंतु चिकित्सकों की सलाह के बाद उन्होंने बेटे के नेत्रदान करने का निर्णय लिया। आज खुद तो देवांश राणा इस दुनिया में नहीं है परंतु उसकी दान की हुई आंखों से कोई है जो इस दुनियां के रंगों को देख पाएगा।
तीन साल की उम्र में लग गया था रोग
मिली जानकारी के मुताबिक मात्र तीन साल की उम्र में देवांश के शरीर के कुछ हिस्सों में सूजन आना शुरु हो गया था। इस पर उसके पिता संजीव राणा तथा माता मनीषा राणा ने जब उसे आयुर्वेदिक चिकित्सक के पास चेकअप करवाया तो उन्होंने देवांश की किडनी में समस्या की बात कही।
कोरोना में नहीं हो पाया रुटीन चेकअप
इस पर बीना वक्त गंवाए देवांश के माता पिता उसे उपचार हेतु पीजीआई चंडीगढ़ ले गए। जहां जांच के दौरान बच्चे की किडनी में इंफेक्शन पाया गया। इसके उपरांत बच्चे का उपचार शुरु हो गया। हालांकि, कोरोना के चलते देवांश का चेकअप रुटीन में नहीं हो पाया परंतु बावजूद इसके बच्चे के माता-पिता ने बेटे की दवाओं का इंतजाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन भगवान को तो कुछ और ही मंजूर था।
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