शिमला। हिमाचल प्रदेश में राज करने वाली सभी सरकारें सूबे के उत्थान के लिए ढेरों काम करती हैं। इसके बावजूद भी कई सारे इलाकों में रहने वाले लोगों को अव्यवस्था और आभाव की मार झेलनी ही पड़ जाती है। ताजा मामला शिमला जिले के तहत आते रामपुर उपमंडल का है।
पैदल ही जंगल में पहुंच गयी ईएमटी शमशेर सागर
जहां एक गर्भवती महिला को जंगल की पगडंडी पर ही शिशु को जन्म देना पड़ गया। वहीं, महिला के इस मुश्किल वक्त में उसका साथ देने वाले 108 के कर्मियों की जिनातनी तारीफ की जाए कम ही होगी। बताया गया कि 108 के ईएमटी शमशेर सागर रास्ते में प्रसव पीड़ा से कराह रही अंजू नेगी तक पूरी रफ्तार में पैदल ही पहुंचे।
मिली जानकारी के अनुसार आज सुबह 10 बजे पनाशी गांव से प्रेम सिंह ने 108 को सूचित किया कि अंजू नेगी की प्रसव पीड़ा शुरू हो चुकी है। तुरंत ही खनेरी से एम्बुलेंस रवाना हो गई। 11:06 बजे एम्बुलेंस उस जगह पर पहुंच गई, जहां से अंजू नेगी को अस्पताल ले जाया जाना था। मरीज को मौके पर न पाकर ईएमटी शमशेर सागर ने प्रेम सिंह को फोन किया।
6 से 8 मिनट में ही महिला तक पहुंच गई टीम
सूचना मिली कि प्रसव पीड़ा इतनी अधिक है कि अंजू को किसी भी हालत में सड़क तक पहुंचाने की स्थिति में नहीं है। तुरंत ही ईएमटी शमशेर सागर ने सहयोगी चालक सुनील कुमार के साथ जरूरी सामान के साथ पैदल ही मौके तक पहुंचने का निर्णय लिया। 108 के कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर पाया कि महिला असहनीय प्रसव पीड़ा से गुजर रही है।
बताया गया कि 108 की टीम 6 से 8 मिनट में ही महिला तक पहुंच गई थी। करीब 11:15 बजे सफल प्रसव भी करवा दिया था। खुले आसमान के नीचे ही काफी मशक्कत के बाद 108 कर्मियों ने जंगल के रास्ते में ही अंजू नेगी का प्रसव करवा दिया। 108 के मुताबिक जच्चा व बच्चा सुरक्षित हैं, उन्हें खनेरी अस्पताल में दाखिल करवाया गया है।
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