हिमाचल की बेटी: पिकअप चलाकर परिवार को संभालती है हेमलता, बनी मिसाल

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हिमाचल की बेटी: पिकअप चलाकर परिवार को संभालती है हेमलता, बनी मिसाल


कालिंदी कुमारी/सिरमौर। आप सभी ने आमिर खान की फिल्म दंगल का यह डायलॉग 'म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के?' तो जरूर सुन रखा होगा।

यह बात हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले स्थित नाहन विधानसभा क्षेत्र के बर्मा पापड़ी की रहने वाली हेमलाता के परिवार वाले भी जरूर बोलते होंगे। बोलें भी क्यों ना, आखिरकार उनकी बेटी काम भी तो ऐसा कर रही है कि माता-पिता के मुंह से बरबस ही यह लाइन निकल जाए।

दरअसल, हेमलता एक ड्राइवर हैं और पिकअप वाहन चलती हैं और अपनी मेहनत से कमाए पैसों से ही घर का पालन पोषण करती हैं।

ड्राइविंग में पूरी तरह से निपुण हो चुकीं हेमलता बीते तीन-चार साल से पिकअप चला रही हैं। यह सब कर के हेमलता सूबे और समाज की अन्य बेटियों के लिए एक मिसाल बनकर उभरी हैं।

ड्राइविंग परफेक्ट होने के बाद खरीदी खुद की गाड़ी

हेमलता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने पहले गाड़ी चलाने की ट्रेनिंग ली। इसके बाद जब उनकी ड्राइविंग पूरी तरह से परफेक्ट हो गई तो, उन्होंने अपनी गाड़ी खरीद ली। उन्होंने बताया कि पिछले डेढ़ साल से वो अपनी ही गाड़ी चलाती हैं।

महिलाएं सरकारी नौकरी ही करें जरूरी नहीं

वहीं, लड़कियों और महिलाओं को सशक्त बनाने को लेकर भी हेमलता शानदार विचार रखती हैं।

उनका मानना है कि महिलाओं को किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं रहना चाहिए। जरूरी नहीं है कि महिलाएं सरकारी नौकरी ही करें। हेमलता कहती हैं कि महिलाएं चाहे तो गाड़ी चला कर भी अच्छी आमदनी की जा सकती है।

समाज के लोग भी करते हेमलता की सराहना

हेमलता ने बताया गया कि गाड़ी चलाकर हुई आमदनी से ही वो अपने परिवार का भरण पोषण करती हैं।

वहीं, दूसरी तरफ समाज के लोग भी हेमलता के इस हौसले और मेहनत की खूब सराहना करते हैं। लोगों के अनुसार हेमलता ने यह बात साबित कर दी है कि बेटियां आज के इस दौर में किसी भी मायने में लड़कों से पीछे नहीं हैं।

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