शिमलाः देश में पिछले आठ सालों से सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आठ साल का कार्यकाल संपन्न होने के अवसर पर हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला स्थित ऐतिहासिक रिज मैदान में राष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष रूप से शिमला पधारे हैं।
भीड़ देख मंत्रमुग्ध हुए पीएम, पैदल चले
राजधानी शिमला में पीएम मोदी के आगमन पर उन्हें जनता का खूब प्यार मिला और हजारों की संख्या में भीड़ उमड़ी। वहीं, आज कार्यक्रम से ठीक पहले पीएम मोदी का रोड़ शो था। रोड़ शो के दौरान उमड़ी भीड़ का प्यार देखकर प्रधानमंत्री मंत्रमुग्ध हो उठे और उन्होंने गाड़ी से उतरकर पैदल ही रोड़ शो करते नजर आए और जनता का अभिवादन किया।
किसान योजना की क़िस्त भी की जारी
इस दौरान सीएम जयराम ठाकुर तथा राज्यपाल विश्वनाथ आर्लेकर भी उनके साथ माल रोड़ पर पैदल चले। मंच पर पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश के अलग-अलग राज्यों से जुड़े सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से बातचीत की। इसके साथ ही पीएम मोदी ने किसान सम्मान निधी योजना की 11 वीं किस्त भी जारी की।
इसके बाद मंच से रिज मैदान पर मौजूद जनता और देश भर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 30 करोड़ भारतीयों के सेवक के तौर पर काम करने का मुझे आप सभी ने अवसर दिया, मुझे सौभाग्य मिला।
आज मैं कुछ कर पाता हूं, दिन रात दौड़ पाता हूं तो ये मत सोचिए कि ये मोदी करता है, ये मत सोचिए कि मोदी दौड़ता है, ये सब तो देशवासियों की कृपा से हो रहा है।
हिमाचल वीरों की भूमि है
एक परिवार के सदस्य के नाते, परिवार की आशा-आकांक्षा से जुड़ना, 130 करोड़ देशवासियों का परिवार ये ही सब कुछ है मेरी जिंदगी में। आप ही हैं सब कुछ मेरी जिंदगी में और ये जिंदगी भी आप ही के लिए है। वहीं, संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हिमाचल में हर घर से शायद ही कोई ऐसा परिवार होगा जिस घर से सैनिक न हो। ये वीरों की भूमि हैं। ये सैन्य परिवारों की भूमि है।
बद्दी की दवाइयां बनी जीवन रक्षक
मोदी ने कहा कि हिमाचल सरकार ने जल जीवन मिशन को लेकर बहुत ही शानदार काम किया है। इसके लिए जयराम सरकार बधाई की पात्र है। मोदी ने कहा कि भारत आंख झुकाकर नहीं, आंख मिलाकर बात करेगा। आज भारत मजबूरी में नहीं बल्कि मदद के लिए हाथ बढ़ाता है। देश के विकास में हिमाचल के फार्मा हब बद्दी की भी बड़ी भूमिका रही है। कोविड काल में दुनिया के कई देशों को बद्दी में बनी दवाइयां भेजी गईं।
अलग-अलग जिलों के कला की सराहना
पीएम ने कहा कि चंबा का मेटल वर्क, कांगड़ा की पेटिंग के लोग आज भी दीवाने हो जाते हैं। सरकार का यही मकसद है कि हिमाचल के उत्पादों की दुनियाभर में डिमांड हो। काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारी और सुरक्षा कर्मी कुल्लू में महिलाओं के स्वंय सहायता समूहों द्वारा बनाई गई पूहलें (जुराबें) पहन रहे हैं।
2014 से पहले की सरकार ने भ्रष्टाचार को सिस्टम का जरूरी हिस्सा मान लिया था। तब की सरकार भ्रष्टाचार से लड़ने की बजाय उसके आगे घुटने टेक चुकी थी, तब देश देख रहा था कि योजनाओं का पैसा जरूरतमंद तक पहुंचने के पहले ही लुट जाता है। लेकिन आज चर्चा जन-धन खातों से मिलने वाले फायदों की हो रही है, जनधन-आधार और मोबाइल से बनी त्रिशक्ति की हो रही है।
पहले रसोई में धुआं सहने की मजबूरी थी, आज उज्ज्वला योजना से सिलेंडर पाने की सहूलियत है। 2014 से पहले देश की सुरक्षा को लेकर चिंता थी, आज सर्जिकल स्ट्राइक-एयर स्ट्राइक का गर्व है। आज हमारी सीमा पहले से ज्यादा सुरक्षित है।
वोटबैंक की राजनीति ने देश का बहुत नुकसान किया
ये हमारी ही सरकार है जिसने चार दशकों के इंतजार के बाद वन रैंक वन पेंशन को लागू किया, हमारे पूर्व सैनिकों को एरियर का पैसा दिया। इसका बहुत बड़ा लाभ हिमाचल के हर परिवार को हुआ है। हमारे देश में दशकों तक वोटबैंक की राजनीति हुई है।
अपना-अपना वोटबैंक बनाने की राजनीति ने देश का बहुत नुकसान किया है। हम वोटबैंक बनाने के लिए नहीं, नए भारत को बनाने के लिए काम कर रहे हैं। 2014 से पहले जब मैं आपके बीच आता था, तो कहता था कि भारत दुनिया से आंख झुकाकर नहीं, आंख मिलाकर बात करेगा।
आज भारत मजबूरी में दोस्ती का हाथ नहीं बढ़ाता है। आज भारत मदद के लिए हाथ बढ़ाता है। हमें 21वीं सदी के बुलंद भारत के लिए, आने वाली पीढ़ियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए काम करना है। एक ऐसा भारत जिसकी पहचान अभाव नहीं बल्कि आधुनिकता हो।
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