शिमला/जयपुर। हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला निवासी एक एमबीबीएस छात्र ने जयपुर में सुसाइड कर लिया था। जयपुर के सवाई मान सिंह मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रहे रोहड़ू के रहने वाले छात्र अमन (25) ने शनिवार को हॉस्टल में फंदे पर लटक कर जान दे दी।
अमन द्वारा सुसाइड किए जाने के बाद से ही इसके पीछे के कारणों को लेकर बातचीत हो रही थी। वहीं, अब इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। बतौर रिपोर्ट्स, अमन ने अपने iPAD में सुसाइड नोट लिखा था। 5 पेज के सुसाइड नोट में उसने अपना दर्द बयां किया है। अमन ने खुद को निर्दोष बताते हुए किसी युवती पर भी गलत होने का आरोप लगाया है।
अमन ने लिखा- मैं गलत था तो तू भी सही नहीं थी। सुसाइड नोट अंग्रेजी और हिंदी दोनों ही भाषा में लिखा है। पुलिस सुसाइड नोट के आधार पर अमन के दोस्तों से पूछताछ कर रही है।
पढ़िए, पूरा सुसाइड नोट
आई एम सॉरी- मम्मा-पापा, आशा, भानियो, सिमरन, सुरेश, योगेश। सिमरन, आई एम रियली वेरी सॉरी। तूने समझाया था, लेकिन मैं नहीं माना। आई कम फ्रॉम फैमली(मैं उस फैमिली से आता हूं), जहां उनकी सेल्फ रिस्पेक्ट उनकी जिंदगी से ज्यादा प्यारी होती है। अकॉर्डिंग टू यू, इट मे बी स्मॉल थिंग(तुम्हारे मुताबिक, यह बहुत छोटी चीज है)। आई एम रियली सिक(मैं बहुत परेशान हो गया हूं)।
दिस इज रियली शेमफुल(ये बहुत शर्मनाक है)। आज पहली बार मैं खुद की नजरों में गिरा हूं। हर मरने वाले का कातिल जरूर होता है। हर खुदखुशी करने वाले की कहानी जरुर होती है। हां मां-पापा, मैं इतना करना चाहता था, जितना मेरे अंदर जोर था। पढ़ाई का कोई लोड नहीं है। मेहनत करता हूं, अगर हार भी जाता, फिर से मुकाबला करता।
इट्स नॉट माय फॉल्ट(मेरी गलती नहीं है), न ही उसका है। शी गेयर मी सिगंल, एंड डेट व्हाट शी वाटंस(उसने मुझे अकेला छोड़ दिया, यही वो चाहती थी)। शी क्रिएट मेस(उसने सब कुछ तहस-नहस कर दिया)। इफ इट वेल्यूज यू हैप्पी, हेयर आई गो। कितना ही झूठ बोल दे, मुझे बदनाम कर दें। मेरी गवाही मेरी जिंदगी से दे रहा हूं। सबको यही लगेगा मैं गलत था। अगर मैं गलत था तो तू भी सही नहीं थी। सबूत जो तू मेरे दोस्तों को दिखाएंगी, उसमें गलत मैं ही दिखूंगा।
एक ओर बात- सिमरन, सुरेश, योगेश, मूमू, जीतू, आदित्या मेरी फैमिली, एक बार मेरे घर वालों से जरुर मिलना और कहना मैं कैसा था। जा रहा हूं। सुरेश भाई तेरे को सबसे ज्यादा समझा हूं। मैं जानता हूं, सब समझता हूं। तेरे साथ लड़ता रहता हूं, क्योंकि भाई नाम है। तू मेरा सच्चा आदमी है।
जब किसी को भी ये मिले एक बात कह रहा हूं। मैं गलत नहीं था। फंसाया है मुझे। जमीन से जुड़ा आदमी हूं। अपने उसूल जानता हूं। ये जिंदगी उस (।।।) लड़की पर नहीं दे रहा। मैं बेगुनाह हूं। मां, पापा, आशा- मान लेना मैं हमेशा सफर में ही रहा। सुरेश पर कर्जा है। UPSC करना चाहता है। सोचा था कि मैं दे दूंगा कुछ पैसे, जीवन बीमा से आए तो सुरेश को दे देना।
आई स्टार्टेड लाइकिंग।।।गर्ल(मैं उसे पसंद करने लगा था), लेकिन उसने रोका था, उसे बस तमाशा बनाना था, वही उसने किया। (एक तीसरी लड़की का नाम लिखते हुए) तुम्हें इसने आधा सच बोला है, ये किसी की नहीं है। चलता हूं। किसी शरीफ की मासूमियत का फायदा ना उठाओ। हैप्पी एंडिंग। सुरेश, योगेश- कभी-कभी मेरे परिवार से मिल आना। कमजोर नहीं था।
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