अब बिना मुर्गे को मारे खा पाएंगे चिकन, इस कंपनी ने लैब में तैयार किया मांस

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अब बिना मुर्गे को मारे खा पाएंगे चिकन, इस कंपनी ने लैब में तैयार किया मांस


नई दिल्ली। हम जब कोई सब्जी खाते हैं, तो वो खेतों में उगाई होती है। वहीं, कई बार इनको सुरक्षित और लंबे समय तक इस्तेमाल करने के लिए कोल्ड स्टोर में रखा जाता है। जबकि दूसरी तरफ अगर किसी को मांस का सेवन करना है तो इसके लिए किसी जानवर को अपनी कुर्बानी देनी पड़ती है। मीट का स्वाद लेने के लिए पूरी दुनिया में हर दिन नाजाने कितने जानवरों को मारा जाता है। लेकिन अगर हम कहें कि अब बिना जानवरों को मारे भी मांस खाया जा सकेगा। तो चौंकिए मत, क्योंकि सिंगापुर में बिना जानवरों को मारे ही लोग मांस का सेवन कर रहे हैं। तो चलिए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।

दरअसल, सिंगापुर में 1980 नाम के रेस्टोरेंट में लैब में उगाया गया चिकन (मुर्गे का मांस) मिलने लगा है। इस तरह का काम करने वाला सिंगापुर दुनिया का पहला देश बन गया है, क्योंकि यहां इस मांस को खाने की इजाजत दे दी गई है। इस मांस को लैब के अंदर मुर्गे की कोशिकाओं से बनाया गया है, जिसे क्लीन मीट के नाम से संबोधित किया जा रहा है। कंपनी को उम्मीद है कि आगे चलकर इसको लोग और भी ज्यादा पसंद करेंगे। अमेरिकी स्टार्टअप ईट जस्ट ने इस मुर्गे के मांस को तैयार किया है।

वहीं, जब इससे चिकन नगेट्स बनाकर लोगों को दिए गए, तो उन्हें असली चिकन के स्वाद में और इस लैब में तैयार किए गए चिकन के स्वाद में कोई फर्क नजर नहीं आया। ईट जस्ट के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी जोश टेट्रिक ने बताया था कि उन्हें इस मुर्गे के मांस को सिंगापुर में बेचने की अनुमति मिल चुकी है। साथ ही उन्होंने कहा कि, जानवरों, स्वास्थ्य और पर्यावरण की चिंता के कारण ही इस तरह के मांस के विकल्प की मांग बढ़ी है। ऐसे में ये मांस की कमी को पूरा करने और पर्यावरण को बचाने में अहम भूमिका निभाएगा।

साथ ही जोश के मुताबिक, कंपनी फिलहाल मौजूदा समय में एक हजार लीटर बायोरिएक्टर के साथ चिकन का उत्पादन कर रही है। लेकिन पांच साल के अंदर कंपनी के पास एक लाख लीटर बायोरिएक्टर होगा। ईट जस्ट द्वारा तैयार किया गया ये मांस प्लांट मीट नहीं, बल्कि ये मांस ही है, जिसे मुर्गे की मांसपेशियों की कोशिकाओं से लैब में तैयार किया गया है। कंपनी को उम्मीद है कि बाकी देश में भी सिंगापुर की तरह ही इसे अपने-अपने देशों में मंजूरी देंगे।

सिंगापुर फूड एजेंसी ने भी लैब में तैयार किए गए इस मांस की समीक्षा की, जिस पर उनकी तरफ से कहा गया है कि एक एक्सपर्ट वर्किंग ग्रुप ने ईट जस्ट के डेटा की समीक्षा की है। इसमें चिकन कितना सुरक्षित है और मैन्युफैक्चरिंग कंट्रोल (विनिर्माण नियंत्रण) को लेकर जांच की गई है, जिसमें उन्हें ये मांस सुरक्षित मिला है। दूसरी तरफ मांस को तैयार करने को लेकर कंपनी का कहना है कि इसको तैयार करने की प्रक्रिया में एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।

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