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इसके तहत दूसरे विश्व युद्ध में भाग लेने वाले 55 नॉन पेंशनरों को दस-दस हजार और अन्य 933 पूर्व सैनिकों व विधवाओं को तीन-तीन हजार रूपए प्रतिमाह राशि दी गई है। वहीं, द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लेने वाले सैनिकों की विधवाओं को पांच हजार रूपए प्रतिमाह सहायता दी गई है। इसके अलावा प्रदेश सरकार ने एक साल में शहीद हुए सूबे के नौ पूर्व सैनिकों के परिजनों को एक करोड़ पांच लाख रूपए का अनुग्रह अनुदान दिया है।
इनमें से बैटल कैजुअलटी पर 20-20 लाख रूपए, जबकि ड्यूटी के दौरान बीमारी से मौत पर पांच-पांच लाख रूपए दिए। वीरता अवार्ड विजेता 162 सैनिकों को 30.29 लाख रूपए दिए गए हैं। पूर्व सैनिक के निधन पर सात हजार रूपए फौरी राहत राशि दी जाती है। सूबे के 236 पूर्व सैनिकों की मृत्यु पर बीते एक वर्ष में परिजनों ने यह सहायता राशि ली है।
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सैनिक कल्याण विभाग के उपनिदेशक स्क्वाड्रन लीडर मनोज राणा ने बारे में जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने सैनिकों व पूर्व सैनिकों के लिए कई योजनाएं चला हैं। इनमें से नॉन पेंशनरों को वृद्धावस्था वित्तीय सहायता व अनुग्रह अनुदान भी शामिल है। एक वर्ष में यह राशि सहायता स्वरूप दी गई है। केंद्रीय सैनिक बोर्ड के सौजन्य से भी अन्य कई योजनाएं पूर्व सैनिकों के लिए चलाई गई हैं। लाभार्थी इनके लिए आवेदन कर लाभ ले सकते हैं।
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