शिमला: प्रदेश में 12वीं के विद्यार्थियों को सीबीएसई की तर्ज पर प्रमोट किया जाएगा। मामले पर शुक्रवार को शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। इसके तहत 12वीं के डेढ़ लाख विद्यार्थियों की मैरिट लिस्ट 7 शर्तों के साथ बनाई जाएगी।
उक्त विद्यार्थियों की कंटीन्यू कंप्रीहैंसिव असैसमैंट के तहत मैरिट बनाई जाएगी। इस बैठक में स्कूल शिक्षा बोर्ड व शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने मामले पर शिक्षा मंत्री के समक्ष प्रैजैंटेशन दी। इस प्रैजैंटेशन में अधिकारियों ने शिक्षा मंत्री को इन 7 शर्तों के बारे में बताया।
इसके तहत प्रैक्टीकल, इंटरनल असैसमैंट, प्रीवियस कक्षा, फर्स्ट व सैकेंड टर्म एग्जाम, प्री-बोर्ड व अंग्रेजी विषय के हुए एक पेपर का आकलन कर विद्यार्थियों की मैरिट बनाई जाएगी
इसके अलावा स्कूल लेवल पर गठित की गई टैब्यूलेशन कमेटी विद्यार्थियों की मैरिट बनाने में बोर्ड की मदद करेगी।
ऑनलाइन फीडिंग माॅड्यूल तैयार करेगा स्कूल शिक्षा बोर्ड:
स्कूल शिक्षा बोर्ड ऑनलाइन फीडिंग माॅड्यूल तैयार करेगा, जिसमें सभी स्कूलों के विद्यार्थियों का डाटा अपलोड किया जाएगा। इन विद्यार्थियों को मार्कशीट जारी की जाएगी, जिसमें विषय वाइज अंक दिए जाएंगे। मैरिटोरियस व बैस्ट परफॉर्मैंस देने वाले विद्यार्थियों को मैरिट में रखा जाएगा।
इन विद्यार्थियों की मार्कशीट में प्रमोट शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। बताया जा रहा है कि टॉप-10 विद्यार्थियों की लिस्ट अलग से जारी की जाएगी।
ऐसे में अब साफ हो गया है कि प्रदेश में 12वीं के विद्यार्थियों को फर्स्ट व सैकेंड टर्म और प्री-बोर्ड परीक्षाओं के आधार पर पास किया जाएगा। हालांकि, 5 जून को होने वाली कैबिनेट की बैठक में इस फैसले पर अंतिम मोहर लगेगी।
जिन विद्यार्थियों ने फर्स्ट, सैकेंड टर्म व प्री-बोर्ड परीक्षा नहीं दी थी, उनकी दिक्कतें बढ़ गई हैं। उनकी मैरिट नहीं बनेगी। ऐसे विद्यार्थियों को दोबारा 12वीं में दाखिला लेना पड़ सकता है। इसके अलावा जो विद्यार्थी इस असैसमैंट से संतुष्ट नहीं होंगे, कोविड के हालात ठीक होने के बाद विभाग उन्हें पेपर देने का मौका दे सकता है।
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