हिमाचलः रेमडेसिविर और स्टेरॅायड लेने की वजह से हो रहा ब्लैक फंगस, स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी

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हिमाचलः रेमडेसिविर और स्टेरॅायड लेने की वजह से हो रहा ब्लैक फंगस, स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी

शिमलाः हिमाचल प्रदेश में कोरोना के मामलों में बीते कुछ दिनों में गिरावट देखने को मिली है। वहीं, प्रदेश में ब्लैक फंगस का आगमन और इससे बढ़ते मामलों को मद्देनजर रखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने रेमडेसिविर व स्टेरॅायड के प्रयोग को लेकर एडवाइजरी जारी की है। ताकि प्रदेश में फैल रहे कोरोना व ब्लैक फंगस पर रोक लगाई जा सके। 

आइए जानते हैं कि क्या कहा गया है इस एडवायजरी में:

  • रेमडेसिविर का उपयोग आवश्यकतानुसार सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
  • दृष्टिगत स्टेट क्लीनिकल टीम की सिफारिशों के अनुसार रेमडेसिविर का उपयोग केवल कोविड-19 के मध्यम से लेकर गंभीर मामलों में ही किया जाए। 
  • विभाग का कहना है कि जिनमें अनुपूरक ऑक्सीजन की आवश्यकता है और किडनी या लीवर की बीमारी से संबंधित कोई हिस्ट्री नहीं है। उनके इलाज में (रेमडेसिविर व स्टेरॅायड)  इनका उपयोग  नहीं किया जाना चाहिए।
  • जो भी व्यक्ति ऑक्सीजन स्पोर्ट पर नहीं हैं या होम आइसोलेशन में हैं उन्हें अस्पताल में ही  रेमडेसिविर के इंजेक्शन लगाए जाएं।
  • रेमडेसिविर के इंजेक्शन लगाए जाने का निर्णय  लेने के लिए प्रत्येक डीसीएचसी और डीसीएच में रेमडेसिविर ऑडिट समिति का गठन किया जाना चाहिए।
  • रेमडेसिविर का न तो घर पर भंडारण किया जाए और न ही घर पर इसका उपयोग किया जाना चाहिए।
  • कोविड कपेस्टि पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार प्रदेश में विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में रेमडेसिविर के कुल 8970 वायल उपलब्ध हैं।

बिना सलाह ले रहे हैं स्टेरॅायड:

स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि कोविड के विभिन्न मामलों में यह देखा गया है कि कोरोना संक्रमित मरीज चिकित्सकों से परामर्श लिए बिना ही अत्यधिक मात्रा में स्टेरॅायड ले रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप शरीर में वायरस से लड़ने के लिए इम्यूनिटी कम होना व ब्लड शुगर में अनियमितता जैसे प्रतिकूल प्रभाव हो सकते हैं।

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इसके अत्यधिक उपयोग से ब्लैक फंगस जैसे विभिन्न प्रकार के संक्रमणों में वृद्धि भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि स्टेट क्लीनिकल टीम ने सुझाव दिया है कि स्टेरॅायड का प्रयोग चिकित्सा परामर्श के साथ केवल उन कोविड-19 के मरीजों में ही किया जाना चाहिए, जिनका ऑक्सीजन स्तर कम है। उन्होंने सांस लेने में परेशानी के लक्षणों वाले लोगों से आग्रह किया है कि वे जल्द से जल्द अपना कोविड-19 टेस्ट करवाएं और स्वयं स्टेरॅायड का उपयोग करने से बचें।

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