शिमला। हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ दिनों से राजनीतिक सरगर्मी भी काफी बढ़ गई है और इसका कारण हैं, सूबे में होने वाले आगामी उपचुनाव। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले आयोजित कराए जा रहे इन उपचुनावों को सूबे के सत्तासीन दल बीजेपी और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के द्वारा लिटमस टेस्ट की तरह लिया जा रहा है।
ईवीएम तैयार, ऐलान जल्द:
क्योंकि इन उपचुनावों में पार्टियों द्वारा लगाए गए दमख़म के ही आधार पर अगले विधानसभा चुनावों को लेकर बन रही धुंधली सी तस्वीर साफ़ होनी शुरू हो जाएगी। इसी कड़ी में सामने आ रही ताजा अपडेट के अनुसार, चुनाव आयोग के निर्देशों पर चुनाव विभाग ने इलेक्ट्रानिक वोटिग मशीन (ईवीएम) तैयार कर ली है। बीते कल यानी मंगलवार को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में मॉक पोल का आयोजन कराया गया।
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वहीं, इस मॉक पोल के बाद यह बात स्पष्ट हो गई है कि अब सूबे में जल्द ही इन उपचुनावों की तारीख का ऐलान भी कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि चुनाव आयोग के दिशा निर्देशों का अनुपालन करते हुए प्रदेश सरकार ने सूबे में अधिकारियों के ट्रांसफर करने आरंभ कर दिए हैं। वहीं, बताया यह भी जा रहा है कि अब जल्द ही प्रदेश सरकार द्वारा सूबे के कई सारे पुलिस अधिकारियों का तबादला करने का भी निर्णय लिया जाएगा।
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इसके अलावा सूबे के दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं और पदाधिकारियों की बैठकों और पहाड़ों पर पधारने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। एक तरफ सूबे की सत्तासीन पार्टी बीजेपी में लगातार बैठकों और मंथनों का दौर जारी है। वहीं, हाल ही में हिमाचल कांग्रेस के सह प्रभारी बनाए गए वरिष्ठ नेता संजय दत्त भी सूबे की राजनीति और संगठन को चुनाव से पहले संभालने में व्यस्त नजर आ रहे हैं।
इस बार के चुनावों में इस्तेमाल की जाएंगे M-3 ईवीएम मशीनें, जानें विषेशताएं-
- ईवीएम के नए वर्जन एम-3 में कुल 384 उम्मीदवारों की जानकारी दर्ज की जा सकती है।
- इसमें 24 बैलेटिंग यूनिट जोड़ सकते हैं।
- एम-3 ईवीएम में सेल्फ डायग्नोस्टिक फीचर हैं जिसका मतलब है कि मशीन खुद जांच कर सकती है कि उसके सारे फीचर सही से काम कर रहे हैं या नहीं।
- अगर ईवीएम में कोई दिक्कत होगी तो कंट्रोल यूनिट की स्क्रीन पर तकनीकी खामी डिस्प्ले हो जाएगी।
उपचुनाव के लिए हरियाणा के जींद, करनाल व कुरुक्षेत्र से 3600 ईवीएम हिमाचल लाई जा चुकी हैं। राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर मंडी, कुल्लू, शिमला व चंबा जिला प्रशासन को ईवीएम की खेप नौ अप्रैल को मिल गई थी। वहीं, अब इन मशीनों को आगामी उपचुनावों के लिए भी पूरी तरह से तैयार कर लिया गया है। सबसे अधिक 1870 ईवीएम मंडी व 1058 कुल्लू जिले को मिली हैं।
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