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बता दें कि प्रदेश के सोलन जिले में रोजाना एक दर्जन से अधिक पीड़ित इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं। वहीं, अगर आम दिनों की बात करें तो जिला अस्पताल सोलन में 15 से 20 केस व कर्फ्यू के दौरान 3 से 5 लोग कंटेक्ट डरमोटाइटस रोग से ग्रसत पाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में जिले स्थित बद्दी में रोजाना आधा दर्जन लोग इस बीमारी के उपचार हेतु अस्पताल पहुंच रहे हैं।
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बताया जा रहा है कि लगातार सैनिटाइजर इस्तेमाल करने से हाथ की स्किन खराब हो रही है, लगातार मास्क पहनने से कार्बन डाईऑक्साइड गैस मुंह के अंदर ही घुलती रहती है। जिस वजह से दांत, मुंह के भीतर और मुंह पर फुंसियां हो रही हैं। इतना ही नहीं लगातार गलव्स पहनना भी बीमारी को बढ़ावा दे रहा है। सैनिटाइजर में अधिक मात्रा में अल्कोहल पाया जाता है। जो लोग इसका ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं वे कंटेक्ट डरमोटाइटस रोग की चपेट में आ रहे हैं।
सैनिटाइजर छोड़ साबुन का करें इस्तेमाल-
बद्दी अस्पताल के स्किन विशेषज्ञ डॉ अंकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि सैनिटाइजर का कम से कम इस्तेमाल करें। इसके स्थान पर साबुन से हाथ धोएं। ज्यादा सैनिटाइजर का प्रयोग करने से हाथों से नार्मल फंगल या लाभकारी बैक्टीरिया समाप्त हो रहे हैं। रोग फैलने पर हाथ की चमड़ी निकलना शुरू हो जाती है। मास्क का प्रयोग भी ज्यादा नहीं करना चाहिए। अकेले गाड़ी में मास्क का प्रयोग कम करें और अगर आप घर में अकेले हैं तो भी इसका प्रयोग न करें।
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