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बता दें कि केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने कोरोना के व्यापक प्रसार को देखते हुए दोनों सीटों पर होने वाले चुनावों को कुछ वक्त के लिए स्थगित कर दिया था। जिसके बाद अब खबर सामने आ रही है कि भारत निर्वाचन आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी हिमाचल प्रदेश सी पालरासु से रिपोर्ट तलब की है।
इसी महीने के अंत तक आ जाएगा शेड्यूल
निर्वाचन आयोग ने पूछा है कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष यानी मुख्य सचिव से रिपोर्ट लेकर बताया जाए कि उपचनाव करवाने की स्थिति हिमाचल में है या नहीं? क्योंकि राज्य सरकार अब खुद अनलॉक की प्रक्रिया में चल रही है, इसलिए एसडीएमए में की तरफ से यह रिपोर्ट चुनाव आयोग को जाएगी। इसके आधार पर अब माना जा रहा है कि जून अंत तक चुनाव का शेड्यूल आ सकता है।
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गौरतलब है कि हिमाचल में मंडी संसदीय सीट रामस्वरूप शर्मा द्वारा आत्महत्या करने के कारण खाली हुई थी, जबकि फतेहपुर से कांग्रेस विधायक सुजान सिंह पठानिया की बीमारी के बाद मौत हो गई थी।
इन दोनों खाली सीटों पर 6 महीने के भीतर चुनाव करना जरूरी हैं और इसी समयावधि में भारत निर्वाचन आयोग यह उपचुनाव करवाना चाहता है। इससे पहले कुछ वक्त के लिए कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए इस प्रक्रिया को टाला गया था।
उपचुनाव से पहले होंगे प्रशासनिक तबादले
उप चुनाव का शेड्यूल आने से पहले राज्य सरकार को प्रशासनिक तबादले भी करने होंगे। मंडी संसदीय क्षेत्र का दायरा कई जिलों को प्रभावित करता है। इसी तरह कांगड़ा भी सबसे बड़ा जिला है और वहां भी एक सीट पर विधानसभा उपचुनाव है।
मंडी संसदीय क्षेत्र में 17 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव होगा और इसमें चंबा किन्नौर और शिमला के विधानसभा क्षेत्र भी शामिल हैं। इसलिए यहां कार्यकाल पूरा कर चुके चुनाव ड्यूटी से संबंधित अधिकारियों को बदलना होगा।
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