यह भी पढ़ें: हिमाचलः शादी के 30 साल बाद भी नहीं भरी कोख, 58 वर्षीय महिला निगल लिया जहर
बताया जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर इस बार बच्चों को अपना शिकार बनाएगी। इसी को मद्देनजर रखते हुए सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार डॅाक्टरों की टीमें बनाई जाएगीं जो लोगों के घर-घर जाकर सर्वे करेगी। इस दौरान अगर बच्चों में साधारण बीमारी के लक्षण पाए जाएंगे तो उनका इलाज मौके पर ही किया जाएगा। जबकि, गंभीर बीमारी से पीड़ित बच्चों को अस्पताल में शिफ्ट किया जाएगा।
यह भी पढ़ें: हिमाचल के एक और जवान का हो गया आकस्मिक स्वर्गवास; अपने पीछे छोड़ गया 7 साल का मासूम
इस पूरे मामले में स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने जानकारी देते हुए बताया कि डॅाक्टरों द्वारा घर-हर जाकर सर्वे में बीमार बच्चों की पहचान की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि सभी सीएमओ को डॅाक्टरों की टीमें तैयार करने के निर्देश दे दिए गए हैं।
यह भी पढ़ें: हिमाचल: यहां जाने हफ्ते भर के मौसम का हाल, यहां चार दिनों तक बारिश; छह जिलों में अलर्ट जारी
बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर के कारण दो हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। जबकि, लाखों लोग वायरस की चपेट में आ चुके हैं। अब इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए सरकार ने तीसरी लहर से निपटने की तैयारियां शुरू की हैं। बताया जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर ज्यादा घातक सिद्ध होगी। जो 2 से 17 साल तक के बच्चों को अधिक प्रभावित कर सकती है।
यह भी पढ़ें: हिमाचल में उपचुनाव से जुडी बड़ी अपडेट: चुनाव आयोग ने मांगी रिपोर्ट, होंगे बड़े तबादले
कोरोना महामारी के तीसरी लहर का शिकार बच्चों के होने के कारण सरकार सकते में आ गई है। इसी बीच स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपलों, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षकों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को अस्पतालों में बच्चों के लिए वार्ड बनाने व न्यू बोर्न बेबी वार्ड बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही हर बिस्तर को ऑक्सीजन सुविधा से लैस करने के निर्देश भी स्वास्थय विभाग की ओर से जारी किए गए हैं।
0 टिप्पणियाँ
Please do not enter any spam link in the comment box. Thanks