शिमला। हिमाचल प्रदेश के एनपीएस कर्मियों का कहना है कि वे प्रदेश के सभी 68 विधायकों से मिलकर पुरानी पेंशन बहाली का मुददा उठाएंगे और यदि मार्च में होने वाले बजट सत्र के दौरान उनकी मांगें नहीं मानी गई तो उसके बाद उग्र आंदोलन व प्रदर्शन शुरू कर दिया जाएगा।
एनपीएस के पदाधिकारियों का कहना है कि पुरानी पेंशन देने से सरकार के उपर कोई भी वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा, अपितु सरकार को बचत ही होगी। यह बात नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ (एनपीएसईए) के अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने शिमला में आयोजित पत्रकारवार्ता में कही।
मांगें नहीं मानी गई तो..
इस दौरान एनपीएस कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी दी है की अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई, तो मार्च में होने वाले बजट सत्र के दौरान कर्मचारी उग्र प्रदर्शन करेंगे। एनपीएस कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने कहा कि कर्मचारियों ने दिसंबर में धर्मशाला बजट सत्र में सरकार से मांग की थी कि पुरानी पेंशन को बहाल किया जाए, लेकिन डेढ़ महीना बीत जाने के बाद भी सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
ऐसी स्थिति में अब एनपीएस कर्मचारी आंदोलन करने को तैयार है। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि फरवरी तक ओल्ड पेंशन को लागू नहीं किया गया, तो कर्मचारी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। एनपीएस कर्मचारी संघ ने मार्च में होने वाले बजट सत्र के दौरान इस प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
1 लाख कर्मचारी शिमला में आकर विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करेंगे
उन्होंने कहा कि 1 फरवरी से 10 फरवरी तक कर्मचारी सभी विधायकों के पास जाकर यह मांग करेंगे की वह विधानसभा में इस मुद्दे को उठाएं। प्रदीप ठाकुर ने कहा कि यदि उनकी मांग नहीं मानी जाती है, तो 68 के 68 विधायकों के घर के बाहर धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
यही नहीं मार्च में बजट सत्र के दौरान पूरे प्रदेश से 1 लाख कर्मचारी शिमला में आकर विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करेंगे और इस तरह का प्रदर्शन हिमाचल में पहली बार होगा। उन्होंने कहा कि इस दौरान राजधानी में 2 दिनों के लिए जाम भी हो सकती है, क्योंकि जब प्रदेश भर से 1 लाख कर्मचारी शिमला में आकर धरना प्रदर्शन करेंगे, जिसकी लिए सरकार जिम्मेदार होगी।
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