हिमाचल: 15 साल 9 महीने की लड़की की शादी का सजा था मंडप, मगर फिर..

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हिमाचल: 15 साल 9 महीने की लड़की की शादी का सजा था मंडप, मगर फिर..


सिरमौरः
बाल विवाह कानूनी अपराध है। बावजूद इसके कुछ लोग ऐसे भी हैं जो बिना कुछ जाने-समझे ही बच्चियों की शादी करवाने के लिए हामी भर देते हैं। ऐसा ही एक किस्सा प्रदेश के सिरमौर जिले के तहत आते पांवटा साहिब उपमंडल के देवीनगर से सामने आया है। जहां 15 साल 9 महीने की नाबालिग लड़की की शादी करवाई जा रही थी।

हेल्पलाइन नंबर पर मिली शादी की सूचना

मिली जानकारी के मुताबिक देवीनगर की रहने वाली एक नाबालिग लड़की की शादी का मंडल सजाया जा चुका था। विवाह की सारी तैयारियां की जा चुकी थी। यहां तक की शादी हो भी जाती अगर कोई व्यक्ति हेल्पलाइन नंबर 1098  पर संपर्क नहीं करता। 

स्कूल से की किशोरी की उम्र पता

बता दें कि हेल्पलाइन नंबर पर चाइल्ड लाइन टीम को किसी ने सूचना दी कि देवीनगर में एक नाबालिग लड़की की शादी की जा रही है। यह सूचना पाकर चाइल्ड लाइन टीम के सदस्य राम लाल चौहान तथा काउंसलर अंजना कुमारी ने किशोरी के स्कूल से उसकी उम्र के बारे में पता किया। 

सूचना पाकर पुलिस पहुंची घर

उन्होंने पाया कि बच्ची अभी बालिग नहीं हुई है और उसका जन्म 9 अगस्त 2006 को हुआ है। वह अभी मात्र 15 साल 9 महीने की है। यह जानकारी प्राप्त करने के उपरांत चाइल्ड लाइन टीम ने पुलिस को बाल विवाह मामले में सूचित किया। इसके उपरांत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की टीम तथा पुलिस किशोरी के घर पर पहुंची। जहां लड़की के माता- पिता ने बेटी की शादी करवाने की बात को स्वीकारा। 

किशोरी के परिजन बोलेः नहीं करवाएगें शादी

टीम ने किशोरी के माता-पिता को बाल विवाह से जुड़े कानूनों के बारे में अवगत कराया। वहीं, अब किशोरी के माता-पिता बेटी की शादी ना करवाने की बात पर सहमत हो गए हैं। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी बेटी बालिग नहीं हो जाती तब तक उसकी शादी नहीं करवाएंगे। हालांकि, इस दौरान टीम द्वारा किशोरी को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया, जिन्होंने बच्ची की काउंसलिंग की।

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