कांगड़ाः भारतीय सेना से सेवानिवृत हुए पूर्व सैनिक का उस समय खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा जब सेना के जवान व अधिकारी उनका 105 वां जन्मदिवस मानाने उनके घर पहुंचे। हम बात कर रहे हैं कांगड़ा जिले के धीरा उपमंडल के मतेहड़ गांव के रहने वाले 105 वर्षीय सूबेदार बिशंभर चंद मेहता की, जिन्होंने पंजाब रेजिमेंट में रहते हुए कठिन परिस्थितियों का सामना कर अदम्य साहस का परिचय देते हुए 28 वर्षों तक देश की सेवा की।
पंजाब रेजिमेंट के अधिकारी पहुंचे घर
बीते कल रिटायर सूबेदार बिशंभर चंद मेहता का 105 वां जन्मदिवस था। इस बीच उन्हें उनके जन्मदिन की बधाई देने के लिए अमृतसर स्थित 9 पंजाब रेजिमेंट के सूबेदार रमेश कुमार, नायब सूबेदार बलबीर सिंह, नाइक अर्जुन व सिपाही संजीव बावर्दी बटालियन की ओर से उन्हें सम्मानित करने घर पहुंचे हुए थे।
सूबेदार मेहता को किया सम्मानित
इस दौरान अधिकारियों ने बिशंभर चंद मेहता की सेवाओं को अतुलनीय बताते हुए तथा उनके हौसले व जजबे की तारीफ करते हुए पुष्प गुच्छ, शॉल चोपी तथा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। अधिकारियों ने बताया कि सूबेदार मेहता ने साल 1962 तथा 1965 के युद्धों में अदमय साहस का परिचय देते हुए देश की रक्षा की थी। इसी वजह से उन्हें सैन्य मेडल से भी नवाजा गया है।
बतौर सिपाही भर्ती हुए थे
इस उपलक्ष पर सूबेदार मेहता ने चीफ आर्मी मार्शल एवं पाकिस्तान के पहले चीफ जनरल अयूब खान के साथ बिताए पलों को भी याद किया। बता दें कि सूबेदार बिशंभर चंद मेहता ने भारतीय सेना में बतौर सिपाही अपनी सेवा आरंभ की थी।
इसके उपरांत वह विश्व युद्ध के दौरान इंटेलिजेंस गाइड के तौर पर करीब एक साल तक अफगानिस्तान में रहे। इसके अलावा उन्होंने युद्ध के दौरान अपने साथियों संग 1982 में पैदल बर्मा के लिए कूच किया। इसके अलावा उन्होंने नागालैंड में गुरिल्ला युद्ध तथा जे एंड के में भी अपनी सेवाएं दी।
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