शिमलाः हिमाचल प्रदेश में महिलाओं को एचआरटीसी बसों में 50 फीसदी छूट मिलने वाले प्रस्ताव को कैबिनेट में मंजूरी दी जा चुकी है। ऐसे में एक बार फिर निजी बस ऑपरेटर सरकार के इस निर्णय के खिलाफ उतर आए हैं। उनका कहना है कि यदि सरकार इस संबंध में अधिसूचना जारी करती है तो वे सरकार के खिलाफ अदालत में कंटेप्ट ऑफ कोर्ट का केस दर्ज करवाएंगे।
प्रदेशाध्यक्ष बोलेः कोर्ट की अवमानना है ये
इस संबंध में जानकारी देते हुए निजी बस ऑपरेटर यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष राजेश पराशर ने बताया कि 2016 में हिमाचल हाईकोर्ट ने आदेश दिए थे कि भविष्य में सरकार ऐसा कोई भी फैसला नहीं लेगी जिससे सवारियों के डिस्ट्रीब्यूशन का प्रोसिजर प्रभावित हो। उनका कहना है कि सरकार द्वारा एचआरटीसी बसों में महिलाओं को 50 फीसदी छूट देने का ऐलान करना कोर्ट की अवमानना है।
रोजी रोटी पर आएगा संकट
इसके अलावा उन्होंने कहा कि यदि सरकार इसे लागू कर देती है तो इससे प्रदेश की 3500 बसों के ऑपरेटर, ड्राइवर व कंडक्टर की रोजी रोटी पर संकट आ जाएगा। छूट मिलने पर अधिकांश महिलाएं सरकारी बसों में ही सफर करेंगी यहां तक की वह अपने परिजनों को भी अपने साथ ही बसों में लेकर जाएंगी। ऐसे में निजी बसें खाली रह जाएंगी। यही वजह है कि निजी बस ऑपरेटर यूनियन ने सरकार से मांग की है कि आधे किराए पर छूट को अधिसूचित न किया जाए।
कार्यक्रम में सीएम जयराम ने किया था ऐलान, अब पारित हुआ प्रस्ताव
बता दें कि बीते 15 अप्रैव को सीएम जयराम ठाकुर ने चंबा जिले में आयोजित कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को बसों में 50 फीसदी छूट देने का ऐलान किया था। वहीं, दो दिन पहले कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। जल्द ही सरकार द्वारा इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। वहीं, वर्तमान में महिलाओं को सरकारी बसों में 25 फीसदी छूट दी जा रही है।
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