कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले स्थित नूरपूर सुलयाली के सीमावर्ती पंजाब के छोटे से गांव पलाह की रहने वाली बेटी शालिनी ने बड़ा कमाल कर दिखाया है। शालिनी नीट की परीक्षा पास कर एमबीबीएस बन गई है। शालिनी का पुश्तैनी घर चंबा जिला के भरमौर चौबिन में है तथा पंजाब में रहने के बावजूद भी उसने सुलयाली रोज पब्लिक स्कूल में पढ़ाई की है।
शालिनी के पिता मदन लाल बीएसएफ में कार्यरत हैं और आजकल बंगाल में ड्यूटी पर हैं जबकि माता गृहिणी हैं। शालिनी की एक बड़ी बहन और छोटा भाई है जो पढ़ाई कर रहे हैं। शालिनी को बचपन से ही डॉक्टर बनने को शौक था और बचपन के इस जुनून ने उसे आज इस मंजिल पर पहुंच दिया है।
डांस में भी कमाया नाम
शालिनी ने पढ़ाई के दौरान डांस कंपीटीशन में भी भाग लिया और वहां भी अच्छा मुकाम हासिल किया, जिसकी बदौलत वह स्कूल की तरफ से दूसरे राज्यों में डांस प्रतियोगिताओं में भी भाग ले चुकी है।
कोचिंग से नहीं बनी बात तो घर से की तैयारी
शालिनी के पिता मदन लाल ने कहा कि हमारी बेटी शुरू से ही पढ़ाई में अव्वल थी। हमें कभी पढ़ाई के लिए उसे कहने की जरूरत ही नहीं पड़ी। पल्स टू की पढ़ाई के दौरान उसने नीट की परीक्षा देने की इच्छा जाहिर की। फिर प्लस टू के बाद नीट की तैयारी के लिए 2 साल चंडीगढ़ में हैलिक्स में कोचिंग ली और नीट का टेस्ट दिया मगर सफलता नहीं मिली। इसके बावजूद उसने हिम्मत नहीं हारी।
आईजीएमसी शिमला में कर रही ट्रेनिंग
कारोना के चलते उसने घर से तैयारी की और फिर नीट का टेस्ट दिया और उसे सफलता हासिल हुई है। अब वह आईजीएमसी शिमला में एमबीबीएस की ट्रेनिंग कर रही है। मदन लाल के अनुसार हमने कभी सोचा नहीं था कि एक दिन हमारी बेटी यहां तक पहुंच पाएगी। मैंने जैसे ही फेसबुक पर देखा कि मेरी बेटी की सलेक्शन हो गई है और शिमला में उसकी ट्रेनिंग होगी तो हमें बहुत खुशी हुई और तभी से रिश्तेदारों तथा लोगों के हमें फोन आने शुरू हो गए।
शालिनी के पिता व माता सरोज ने रोज पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य संजू सौगनी व सभी अध्यापकों का धन्यवाद किया, जिन्होंने उनकी बेटी को इस काबिल बनाया है। वहीं शालिनी के डॉक्टर बनने पर उनकी बुजुर्ग दादी गुजरो देवी ने भी खुशी जताई है।
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